Free Computer Course आधुनिक युग में संगणक कौशल की महत्ता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में लगभग प्रत्येक रोजगार क्षेत्र में कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक माना जाने लगा है। चाहे वह बैंकिंग व्यवसाय हो, शिक्षण संस्थान हो, प्रशासनिक सेवाएं हों या फिर सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र – सभी जगह डिजिटल दक्षता की मांग निरंतर बढ़ रही है। इसी आवश्यकता को समझते हुए केंद्रीय सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों ने संयुक्त रूप से वर्ष 2025 में एक अत्यंत महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे “निःशुल्क संगणक प्रशिक्षण योजना 2025” के नाम से जाना जाता है।
इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य उन नवयुवकों को तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है जो आर्थिक कारणों से कमजोर वर्ग से संबंध रखते हैं तथा जो महंगे संगणक पाठ्यक्रमों का व्यय वहन करने में असमर्थ हैं। सरकारी प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण एवं पिछड़े अंचलों के प्रतिभावान युवा भी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें और स्वावलंबी बन सकें। यह योजना डिजिटल भारत के निर्माण की दिशा में एक सार्थक कदम है।

योजना का मूल उद्देश्य एवं प्रासंगिकता
केंद्र एवं राज्य सरकारों का लक्ष्य इस पहल के माध्यम से भारत के नवयुवकों को डिजिटल साक्षरता के द्वारा सशक्त बनाना है। आज भी हमारे देश में अनेक शिक्षित नवयुवक ऐसे हैं जिन्होंने औपचारिक शिक्षा तो प्राप्त कर ली है, परंतु उन्हें संगणक तथा डिजिटल तकनीक की समुचित जानकारी का अभाव है। इसी कारण वे उत्तम रोजगार के अवसरों से वंचित रह जाते हैं तथा बेरोजगारी की समस्या से जूझते रहते हैं।
यह कल्याणकारी योजना ऐसे युवाओं के लिए एक नवीन मंच प्रदान करती है, जहां उन्हें बिना किसी शुल्क के प्रारंभिक स्तर से लेकर उन्नत स्तर तक का संगणक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण की अवधि में उम्मीदवारों को पंद्रह हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता राशि भी उपलब्ध करायी जाएगी। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी, जिससे युवा प्रशिक्षण के दौरान अपने दैनिक खर्चों का प्रबंधन कर सकें। इस पहल से न केवल बेरोजगारी की दर में कमी आएगी, बल्कि डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को भी मजबूती मिलेगी।
योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली सुविधाएं
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को संगणक का निःशुल्क व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण की समयावधि तीन से छह माह की होती है, जिसमें बुनियादी से लेकर उन्नत स्तर तक की डिजिटल शिक्षा दी जाती है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा प्रशिक्षार्थियों को पंद्रह हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाती है, जो उनके बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित होती है।
प्रशिक्षण की सफलतापूर्वक समाप्ति के पश्चात प्रत्येक उम्मीदवार को सरकार द्वारा प्रमाणित एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। यह प्रमाण पत्र सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में रोजगार के लिए आवेदन करते समय अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। यह प्रमाणपत्र अभ्यर्थी के डिजिटल कौशल का एक आधिकारिक प्रमाण होता है, जो उसके रोजगार के अवसरों को कई गुना बढ़ा देता है।
पात्रता की शर्तें एवं मापदंड
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक का भारत का नागरिक होना आवश्यक है तथा उसने न्यूनतम बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। आवेदनकर्ता की आयु अठारह वर्ष से तीस वर्ष के मध्य होनी अनिवार्य है। उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि आवेदक के परिवार में कोई सदस्य सरकारी सेवा में कार्यरत है, तो वह इस योजना के लिए अपात्र माना जाएगा। इसके अलावा यदि कोई युवा पूर्व में किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से संगणक पाठ्यक्रम पूर्ण कर चुका है, तो उसे भी इस कार्यक्रम का लाभ नहीं मिलेगा।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषय
इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को तीन से छह महीने की अवधि में संगणक का संपूर्ण ज्ञान प्रदान किया जाता है। इस प्रशिक्षण में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल तथा पावरपॉइंट जैसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर का गहन अध्ययन शामिल है। इसके साथ ही विद्यार्थियों को इंटरनेट का उपयोग, विद्युत डाक, ऑनलाइन प्रपत्र भरना, डिजिटल भुगतान प्रणाली, साइबर सुरक्षा के मूलभूत सिद्धांत, सरकारी पोर्टल का प्रभावी उपयोग तथा हिंदी एवं अंग्रेजी में टंकण जैसे व्यावहारिक कौशल सिखाए जाते हैं। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षार्थियों को रोजगार के लिए पूर्णतः तैयार करना है।
प्रशिक्षण उपरांत रोजगार के अवसर
जब कोई प्रशिक्षार्थी अपना पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेता है, तो उसे एक सरकारी मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर वह विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के लिए आवेदन कर सकता है। प्रशिक्षित युवा बैंकिंग सेवाओं, सूचना प्रविष्टि, सामान्य सेवा केंद्र संचालन, सूचना प्रौद्योगिकी सहायता, डिजिटल विपणन, इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य तथा निजी कंपनियों में कार्यालय सहायक जैसे विविध पदों पर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। अनेक प्रशिक्षित युवाओं को प्रतिमाह दस से पंद्रह हजार रुपये तक का वेतन भी प्राप्त होने लगा है।
आवेदन की प्रक्रिया
इस कल्याणकारी योजना में आवेदन करने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने संबंधित राज्य के कौशल विकास मिशन अथवा श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां “निःशुल्क संगणक प्रशिक्षण योजना 2025” का विकल्प उपलब्ध होगा। आवेदन प्रपत्र में अभ्यर्थी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षिक विवरण तथा आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। प्रपत्र जमा करने के पश्चात एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी, जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है। जो नवयुवक स्वयं ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे अपने निकटवर्ती सामान्य सेवा केंद्र पर जाकर भी इस योजना के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं।
लागू राज्यों की सूची
वर्तमान में यह योजना कुछ चयनित राज्यों में संचालित की जा रही है, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा तथा असम सम्मिलित हैं। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 के समापन तक इस योजना को देश के अन्य राज्यों में भी क्रियान्वित करना है, जिससे अधिक से अधिक युवा इसका लाभ उठा सकें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर: योजना की आवेदन तिथि राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। अधिकांश राज्यों में यह योजना चरणबद्ध तरीके से संचालित की जा रही है। इसलिए इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने राज्य के श्रम विभाग या कौशल विकास मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से जांच करते रहना चाहिए। सामान्यतः प्रत्येक तिमाही में नई आवेदन प्रक्रिया शुरू होती रहती है।
प्रश्न 2: क्या स्नातक या स्नातकोत्तर उत्तीर्ण युवा भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं?
उत्तर: हां, बारहवीं उत्तीर्ण होना न्यूनतम योग्यता है। यदि कोई युवा स्नातक, स्नातकोत्तर या उससे उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुका है और अन्य सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करता है, तो वह भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि उसने पहले से किसी प्रमाणित संस्थान से संगणक पाठ्यक्रम पूर्ण न किया हो।
प्रश्न 3: प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त होने वाली पंद्रह हजार रुपये की राशि किस प्रकार वितरित की जाती है?
उत्तर: आर्थिक सहायता राशि का वितरण किस्तों में किया जाता है। सामान्यतः प्रथम किस्त प्रशिक्षण प्रारंभ होने पर, दूसरी किस्त प्रशिक्षण के मध्य में तथा अंतिम किस्त प्रशिक्षण की सफल समाप्ति एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है, इसलिए बैंक खाते का सक्रिय होना अनिवार्य है।
प्रश्न 4: प्रशिक्षण केंद्र कहां स्थित होंगे तथा क्या कक्षाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं?
उत्तर: प्रशिक्षण केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों, सामान्य सेवा केंद्रों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक तथा विशेष कौशल विकास केंद्रों में संचालित किए जाते हैं। अधिकांश प्रशिक्षण भौतिक कक्षाओं के माध्यम से दिए जाते हैं ताकि व्यावहारिक अनुभव बेहतर हो सके। हालांकि कुछ राज्यों में हाइब्रिड मॉडल भी उपलब्ध है जहां सैद्धांतिक कक्षाएं ऑनलाइन तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण केंद्र पर दिया जाता है। प्रशिक्षण केंद्र का आवंटन आवेदक के निवास स्थान के आधार पर किया जाता है।